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प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें गाय का दान, होगी धन-धान्य में वृद्धि और वैवाहिक जीवन में मिलेगी सुख-समृद्धि

Importance of Pradosh Vrat Daan

Importance of Pradosh Vrat Daan (प्रदोष व्रत में दान का महत्व)

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। हर त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है, लेकिन जब यह व्रत रविवार को पड़े, तो इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस बार 8 जून को रवि प्रदोष व्रत है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव की पूजा करने और दान करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। विशेष रूप से, इस दिन गाय का दान करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।

1. प्रदोष व्रत और उसका धार्मिक महत्व

प्रदोष व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए बहुत फलदायी होता है जिनके जीवन में कष्ट, रोग या विवाह संबंधी परेशानियाँ चल रही हों। इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और पुष्प चढ़ाकर पूजा की जाती है। इसके साथ ही भगवान शिव का प्रिय मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने से मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

2. गाय का दान

हिन्दू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है। यह केवल एक पशु नहीं, बल्कि देवी लक्ष्मी का रूप मानी जाती है। जिस घर में गाय की सेवा होती है, वहां सदा सुख-समृद्धि बनी रहती है। प्रदोष व्रत के दिन गाय का दान करना पुण्यदायी होता है। यह दान केवल धर्म की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति पाने का मार्ग भी बनता है।

गाय का दान करने से मिलने वाले लाभ:

  • वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  • धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  • रोग और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • परिवार में सुख और शांति बनी रहती है।
  • मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना पूरी होती है।

इन चीजों का करें दान

प्रदोष व्रत के दिन इन वस्तुओं का भी दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। आइए जानते हैं इनके बारे में:

काले तिल

काले तिल भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। इनका दान करने से शनि दोष और विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।

फल

फल भगवान को भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं। दान देने से घर में प्रेम और आनंद का वातावरण बनता है।

अन्न

गायों को अन्न दान करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

जल

गरीबों या प्यासे जीवों को जल पिलाना अत्यंत पुण्य का कार्य है। इससे पितृ दोष समाप्त होता है और मन को शांति मिलती है।

दान करते समय किन बातों का रखें ध्यान?

  • दान हमेशा नि:स्वार्थ भाव से करना चाहिए। उसमें कोई दिखावा या लोभ नहीं होना चाहिए।
  • गायों, गरीबों और असहाय लोगों को ही दान दें। यह दान सबसे ज्यादा फलदायी होता है।
  • अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें। दान का मूल्य नहीं, भावना महत्वपूर्ण होती है।
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाना न भूलें और ध्यान से “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व

यदि प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़े, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जिनके विवाह में विलंब हो रहा हो या जिनके दाम्पत्य जीवन में तनाव हो। इस दिन गाय को हरा चारा, गुड़ या आटे की लोई खिलाना तथा उनकी सेवा करना विशेष फलदायी होता है।

भौम प्रदोष व्रत में जो व्यक्ति श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करता है, गाय का दान करता है और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करता है, उस पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। ऐसे व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन, संतान सुख और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है।

निष्कर्ष

प्रदोष व्रत केवल एक उपवास नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और भगवान शिव से जुड़ने का एक विशेष अवसर है। इस दिन गाय का दान करके न केवल पुण्य कमाया जा सकता है, बल्कि जीवन की अनेक समस्याओं से भी मुक्ति पाई जा सकती है। जो लोग सच्चे मन से व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और दान करते हैं, उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अवश्य आता है। इसलिए, इस प्रदोष व्रत पर गाय का दान अवश्य करें और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर दें।

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Posted in: Pradosh Vrat, Blog, Cow Donation

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